प्रसारण सोमवार, मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को और समाचार दर्शन का बुधवार,
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समाचार लेखन रेडियो-समाचार बुलेटिन एवं समाचार दर्शन रेडियो समाचार के दो रूप है।
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किसी ज़माने में फ़िल्मों के बीच दिखाए जाने वाले भारतीय समाचार दर्शन (
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और फिर प्रत् येक छोटी-मोटी दुकान रेडियो स् टेशन होती है जहाँ समय विशेष पर नहीं, सारा समय समाचार दर्शन चलता रहता है।
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जबकि समाचार दर्शन से अभिप्राय उस समाचार से है जिसमें खेल प्रतियोगित, दुघZटना स्थल, बाढ़ का आँखों देखा हाल, साक्षात्कार, व्याख्यान, रोचक घटनाओं का वर्णन आता है।
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समाचार दर्शन ', समाचार पत्रों से, विधानमण्डल समीक्षा, संसद समीक्षा, सामयिकि, जिले और राज्यों की चिट्ठी, रेडियो न्यूज़रील आदि कार्यक्रमों का प्रसारण इसी पत्रकारिता का अंग है ।
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इन दिनों आकाशवाणी पर सुबह जो समाचार दर्शन आता है अगर उसे पूरा का पूरा सुन लिया जाये तो खबरें, उनका विश् लेषण और अखबारों में छपे मुख् य मुद्दे सब पता चल जाते हैं ।
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श्रमणोपासक में समाचार दर्शन, संत-सती समाचार, समाज दर्शन, शोक समाचार, विद्वत् खण्ड, अमृतवाणी, स्वास्थ्य संजीवनी, बाल बोध, नारी चेतना, युवा निधि तथा अनेक जैन जगत् के समाचार प्रकाशित किये जाते हैं।
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कभी परिचर्चा दिखायी भी तो आने वाला मेहमान विद्वान कम विवादित ज्यादा होता है. पर कोई उपाय नहीं तब तक समाचार जानने हों तो दूसरे दिन के समाचार पत्र की प्रतीक्षा करो और तब तक पंचकूटे की सब्जी खाओ, मीडिया समाचार दर्शन मन मस्त फकीरी धारी है..